Share Market: दुनिया भर में आज भारी गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाज़ार। सेंसेक्स 2226 ,79 अंकों से गिरा , जबकि निफ़्टी भी 742,85 अंकों से निचे लुढ़क गया। इस गिरावट का असर केवल भारत तक ही सीमित नहीं है ,बल्कि दुनिया भर के शेयर बाज़ारो में इसका असर देखने को मिला है। 2008 के बाद शेयर बाज़ार के लिए ये अब तक का सबसे काला दिन रहा है।

हांगकांग का हैंगसैंग 9.24%, जापान का निक्केई 8.50% और चीन, सिंगापुर, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के बाजार भी 4-7% तक टूट गए। भारतीय बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 10% तक की गिरावट दर्ज की गई।
ट्रम्प टैरिफ है मार्किट क्रैश होने की वजह?
इस भारी गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ ऐलान माना जा रहा है। ट्रंप ने रविवार को अपने टैरिफ को ‘दवा’ करार देते हुए कहा कि कभी-कभी कुछ ठीक करने के लिए कड़वी दवा लेनी पड़ती है। उनके इस बयान के बाद दुनिया भर में निवेशकों के बीच घबराहट फैल गई, क्योंकि ट्रंप प्रशासन की नीतियों से पीछे हटने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। इसके साथ ही अमेरिका और चीन के बीच तेज होती ट्रेड वॉर ने वैश्विक मंदी की आशंका को और गहरा कर दिया है। जेपी मॉर्गन ने वैश्विक मंदी की संभावना को 40% से बढ़ाकर 60% तक कर दिया है।
मंदी की इस संभावना ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि टैरिफ बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी, कॉर्पोरेट मुनाफा घटेगा और इससे उपभोक्ता सेंटिमेंट पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इन तमाम बातों का सीधा असर आर्थिक विकास दर पर भी पड़ेगा। भारत में भी इसके संकेत दिखने लगे हैं, क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारी मात्रा में शेयरों की बिक्री शुरू कर दी है। बीते हफ्ते के अंत तक एफपीआई ने करीब 13,730 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। विशेषज्ञों के अनुसार , मार्किट की हालत और ख़राब होने की संभावना है।