हाल ही में पेश किये गए इनकम टैक्स बिल में कई बदलाव किये गए हैं , जिससे कानून को और मज़बूत और आसान बनाया जा सके। लेकिन एक बड़ा और एहम बदलाव ये बभी है की अब इनकम टैक्स के अधिकारी ज़रुरत पड़ने पर आपके सोशल मीडिया अकॉउंटस और इ-मेल की जांच कर सकते हैं।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 के अनुसार , अगर टैक्स जांच के दौरान किसी प्रकार का संदेह होता है , तो इनकम टैक्स अधिकारी आपके फेसबुक, इंस्टाग्राम, और बाकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जानकारी मांग सकते हैं। नए बिल के तहत उन्हें इसके लिए कानूनी अधिकार भी दिया गया है।
यानि, अब नए इनकम टैक्स बिल के अंतरगर्त , टैक्सपेयर्स के डिजिटल एसेट्स भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट 1961
मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत टैक्स जांच के दौरान अधिकारयों को तलाशी लेने और बैंक अकाउंट जब्त करने का अधिकार है। इनकम टैक्स अधिकारी लैपटॉप , हार्ड ड्राइव या इ-मेल की जानकारी मांग सकते हैं। हालाँकि , इसमें भी उन्हें कानूनी अरचनों का सामना करना पड़ता है।
बिल को लेकर विरोध
हालाँकि , नए इनकम टैक्स बिल में डिजिटल असेस्ट्स का एक्सेस केवल ख़ास मामलों तक सीमित होगा। इसके बावजूद कई कानूनी विशेषज्ञ इस बिल से संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है की ये सरकार द्वारा प्राइवेसी का हनन है।
विशेषज्ञ विश्वास पंजियार के मुताबिक , यह 1961 के मौजूदा आयकर एक्ट से बड़ा बदलाव है और सख्त सुरक्षा उपायों के बिना यह पर्सनल डेटा की अनावश्यक जांच का कारण बन सकता है।
वहीँ, संजय संघवी का कहना है की पहले भी टैक्स अधिकारिओ ने डिजिटल स्पेस तक पहुँच की मांग की थी , लेकिन कानून ने इसकी स्पष्ट अनुमति नहीं दी थी। नए इनकम टैक्स एक्ट में उन्हें कानूनी रूप से ये अधिकार मिल जायेगा , जो की संघवी की मुताबिक चिंता का विषय है।

